
उद्देश्य और लाभ
यह योजना वित्तीय रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों (जैसे SC/ST, OBC, EWS, अल्पसंख्यक वर्ग) के लिए है, ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे NEET, JEE, RPSC, RAS, UPSC आदि) की तैयारी नि:शुल्क कोचिंग से कर सकें।
सरकार कोटा, सीकर और जयपुर जैसे शहरों के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में छात्रों को कोचिंग उपलब्ध कराती है, साथ ही होस्टल, भोजन आदि के खर्च के लिए आर्थिक सहायता (₹40,000 प्रति वर्ष) भी देती है।
योजना के तहत विद्यार्थी को 1 वर्ष तक कोचिंग, साथ ही फीस और परिवहन/आवास के लिए सहायता मिलती है।
पात्रता और चयन प्रक्रिया
पात्रता विवरण:
राजस्थान का निवासी होना आवश्यक है।
परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
SC/ST/OBC/EWS/अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र आवेदन कर सकते हैं।
चयन प्रक्रिया:
आवेदन के आधार पर, 10वीं एवं 12वीं (कभी स्नातक) में प्राप्त अंक देख कर मेरिट सूची तैयार की जाती है।
CBSE बोर्ड के अंकों को 0.9 से गुणा किया जाता है और RBSE के अंक वैसे ही लिए जाते हैं।
दस्तावेज़ सत्यापन जैन–आधार (Jan Aadhaar) और जिला अधिकारी स्तर पर किया जाता है।
चयनित छात्र OTP-आधारित सत्यापन के बाद कोचिंग में शामिल होते हैं।
प्रोत्साहन राशि (Incentives)
RPSC (लोक सेवा आयोग) संबंधित परीक्षाओं के लिए ₹50,000 तक का प्रोत्साहन।
UPSC (Civil Services) के लिए कुल ₹1,00,000 तक—प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू के अनुसार विभाजित।
होस्टल/खाना खर्च हेतु ₹40,000 वार्षिक सहायता।
NEET/JEE कोचिंग हेतु ₹70,000 तक आर्थिक सहायता के साथ, विधार्थियों को मुफ्त कोचिंग भी मिलती है।
आवेदन और समय-सीमा
2024–25 सत्र के लिए आवेदन की आखिरी तिथि 30 अप्रैल, 2025 तक बढ़ाई गई थी।
मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद चयनित छात्रों को निर्धारित 10 दिनों के भीतर कोचिंग संस्थानों में रिपोर्ट करना अनिवार्य था (जैसे 11 मई 2025) वरना मौका छूट सकता है।
और जानकारी व सहायता
अधिक जानकारी, आवेदन, मेरिट लिस्ट और लॉगिन प्रक्रिया के लिए SSO पोर्टल (sje.rajasthan.gov.in) पर जाना होगा।
सहायता हेतु संपर्क विवरण:
हेल्पलाइन: 0141-2226638
ईमेल: support.sje@rajasthan.gov.in / raj.sje@rajasthan.gov.in
कोचिंग सेंटरों के लिए नए नियमन
हाल ही में (2025 में), राज्य सरकार ने कोचिंग सेंटरों के लिए नया कानून प्रस्तावित किया है जिसमें कोचिंग संस्थानों की पंजीकरण, फीस निर्धारण, और छात्र सुरक्षा जैसे मापदंडों को कानूनी रूप से मजबूत किया गया है।